Home Loan In New Tax Regime: नई टैक्स व्यवस्था में क्या मिलेगी होम लोन पर छूट? देखिए पूरी जानकारी

भारत में नई टैक्स व्यवस्था (New Tax Regime) को लागू करने के बाद, कई करदाता भ्रमित हैं कि क्या होम लोन की ब्याज छूट और प्रिंसिपल भुगतान पर छूट उन्हें मिलेगी या नहीं। बजट 2020 से लेकर 2025 तक, सरकार ने टैक्स स्लैब को सरल बनाने और करदाताओं को अतिरिक्त राहत देने के लिए नई टैक्स व्यवस्था पेश की थी। हालांकि, इस नई व्यवस्था के तहत कुछ प्रमुख डिडक्शन्स और छूट समाप्त कर दी गई हैं, जिनमें होम लोन की छूट भी शामिल है।

अगर आप होम लोन लेने का विचार कर रहे हैं या पहले से ही होम लोन की किस्त चुका रहे हैं, तो इस लेख में हम आपको नई टैक्स व्यवस्था के तहत होने वाले बदलावों के बारे में विस्तार से बताएंगे और बताएंगे कि क्या आपको होम लोन पर कोई टैक्स छूट मिलेगी या नहीं।

नई टैक्स व्यवस्था में होम लोन की छूट पर बदलाव

  1. ब्याज पर छूट: पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत, करदाता होम लोन की ब्याज पर ₹2 लाख तक की टैक्स छूट प्राप्त कर सकते थे। यह छूट धारा 24(b) के तहत मिलती थी, जिससे गृह मालिकों को घर की खरीदारी में काफी राहत मिलती थी। हालांकि, नई टैक्स व्यवस्था के तहत इस छूट को समाप्त कर दिया गया है। यानी, अगर आप नई टैक्स व्यवस्था चुनते हैं, तो आपको होम लोन की ब्याज पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी।
  2. प्रिंसिपल पर छूट: होम लोन के प्रिंसिपल (मूलधन) की अदायगी पर भी धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती थी। लेकिन नई टैक्स व्यवस्था के तहत इस छूट का लाभ भी नहीं मिलेगा। इसलिए, अगर आप नई टैक्स प्रणाली में शामिल होते हैं, तो होम लोन के प्रिंसिपल भुगतान पर कोई टैक्स छूट नहीं मिलेगी।

नई टैक्स व्यवस्था का क्या फायदा है?

यदि आप नई टैक्स व्यवस्था को अपनाते हैं, तो आपको कम टैक्स स्लैब में टैक्स चुकाना पड़ेगा। सरकार ने इस व्यवस्था में 5 टैक्स स्लैब (₹2.5 लाख से ₹15 लाख तक) की घोषणा की है, जिनमें करदाताओं को टैक्स में बड़ी राहत मिलेगी। उदाहरण के तौर पर, ₹5 लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लिया जाएगा, ₹5 लाख से ₹7.5 लाख तक की आय पर 10% टैक्स, और इसी तरह से आगे बढ़ते हुए ₹15 लाख तक की आय पर 30% टैक्स लगाया जाएगा।

इसमें एक बड़ा लाभ यह है कि करदाता अब छूट और डिडक्शन्स के लिए पारंपरिक उपायों को छोड़कर सीधे कम टैक्स स्लैब का लाभ ले सकते हैं। हालांकि, इस व्यवस्था में जो होम लोन छूट थी, वह समाप्त हो गई है।

पुरानी टैक्स व्यवस्था में क्या था फायदा?

पुरानी टैक्स व्यवस्था में, होम लोन के लिए कई महत्वपूर्ण टैक्स लाभ थे:

  • ब्याज पर ₹2 लाख तक की छूट: जैसा कि पहले बताया गया है, करदाता होम लोन की ब्याज पर ₹2 लाख तक की छूट प्राप्त कर सकते थे।
  • प्रिंसिपल भुगतान पर ₹1.5 लाख तक की छूट: इसके अलावा, होम लोन के प्रिंसिपल पर भी ₹1.5 लाख तक की छूट मिलती थी।
  • एचआरए (HRA) छूट: हाउस रेंट अलाउंस (HRA) पर भी छूट मिलती थी, जो किराएदारों के लिए फायदे की बात थी।

ये सभी लाभ पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत उपलब्ध थे, लेकिन अब नई व्यवस्था में इनकी जगह नहीं है।

कौन सा टैक्स सिस्टम चुनें? नई या पुरानी?

नई टैक्स व्यवस्था में होम लोन की छूट के खत्म होने का असर उन लोगों पर पड़ेगा जो लोन के बड़े हिस्से की ब्याज चुकाते हैं। ऐसे करदाता जो होम लोन की किस्त के रूप में बड़ा खर्च कर रहे हैं, उनके लिए पुरानी टैक्स व्यवस्था अधिक फायदेमंद हो सकती है क्योंकि इसमें होम लोन की ब्याज पर टैक्स छूट मिलती है। वहीं, यदि आपकी आय कम है और आप डिडक्शन्स और छूट का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, तो नई टैक्स व्यवस्था में कम टैक्स स्लैब का फायदा मिल सकता है।

नई टैक्स व्यवस्था के फायदे

  1. कम टैक्स दरें: इस व्यवस्था में टैक्स स्लैब कम किए गए हैं। इससे वेतनभोगी कर्मचारियों और छोटे व्यापारियों को टैक्स बचत में मदद मिल सकती है।
  2. सादगी: नई व्यवस्था को समझने में आसान बनाया गया है और अब डिडक्शन्स और छूट का जंजाल नहीं रहेगा।
  3. कम टैक्स की दरें: अब ₹2.5 लाख से लेकर ₹15 लाख तक के आय समूहों के लिए कम टैक्स दरें निर्धारित की गई हैं, जिससे आम करदाताओं को टैक्स में राहत मिलेगी।

नई टैक्स व्यवस्था के नुकसान

  1. होम लोन छूट का नुकसान: सबसे बड़ा नुकसान यह है कि होम लोन की ब्याज और प्रिंसिपल भुगतान पर मिलने वाली छूट अब नई व्यवस्था में उपलब्ध नहीं है।
  2. आय के अनुसार बदलाव: अगर आपकी आय ज़्यादा है और आप डिडक्शन्स का पूरा लाभ उठा सकते हैं, तो नई टैक्स व्यवस्था के बजाय पुरानी व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो सकती है।

निष्कर्ष

नई टैक्स व्यवस्था में होम लोन की ब्याज छूट और प्रिंसिपल भुगतान पर छूट समाप्त हो गई है, जिससे करदाताओं को इसके लिए नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने में कुछ मुश्किल हो सकती है। हालांकि, जो लोग कम आय वाले हैं और जो डिडक्शन्स का लाभ नहीं उठा पाते, उनके लिए यह नई व्यवस्था अधिक फायदेमंद हो सकती है।

अगर आपने होम लोन लिया है और आप पुरानी टैक्स व्यवस्था में छूट का लाभ लेना चाहते हैं, तो यह एक अच्छा विचार हो सकता है। इसलिए, आप अपनी आय, खर्च और टैक्स स्थिति के आधार पर पुरानी या नई टैक्स व्यवस्था में से किसी एक का चयन कर सकते हैं।

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