जयपुर जिले में इन दिनों कड़ाके की सर्दी और घना कोहरा छाया हुआ है, जिसके चलते जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। 3 से 6 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए अब आंगनबाड़ी केंद्रों में 11 जनवरी 2025 तक अवकाश घोषित कर दिया गया है। यह निर्णय विशेष रूप से ठंड के मौसम को देखते हुए लिया गया है, ताकि छोटे बच्चों को सर्दी से राहत मिल सके और उनके अभिभावकों की चिंताएं कम हो सकें।
अवकाश का कारण और प्रशासन का निर्णय
राजस्थान में दिसंबर महीने से लगातार बढ़ती ठंड और घने कोहरे के कारण पहले ही सरकारी स्कूलों में 25 दिसंबर से 5 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश घोषित किया जा चुका था। हालांकि, आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को फिर भी नियमित रूप से जाना पड़ रहा था, जिससे अभिभावकों में चिंता और नाराजगी की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। छोटे बच्चे ठंड में भी केंद्रों में जाने के लिए मजबूर थे, जो उनके स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता था।
इस पर राजस्थान पत्रिका ने 31 दिसंबर 2024 को एक विस्तृत रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें यह बताया गया कि सरकारी स्कूलों में तो अवकाश दिया गया था, लेकिन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को छुट्टी नहीं दी जा रही थी। इसके बाद प्रशासन ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए जयपुर जिला कलक्टर के आदेश से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों के लिए 11 जनवरी तक अवकाश घोषित कर दिया।
अवकाश से बच्चों और अभिभावकों को मिली राहत
इस निर्णय से जयपुर जिले में लगभग 5,000 बच्चों को राहत मिलेगी। जिन बच्चों के अभिभावक हर दिन आंगनबाड़ी केंद्रों में उनके जाने को लेकर चिंतित रहते थे, अब उन्हें राहत मिल सकेगी। बच्चों की सुरक्षा और सेहत को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया है।
जयपुर जिले के विभिन्न उपखंडों में स्थित आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को राहत मिल रही है। इस अवकाश के कारण ठंड से बचाव के साथ-साथ अभिभावकों को भी मानसिक शांति मिली है। कई अभिभावकों ने इस कदम की सराहना की है और इसे एक सकारात्मक पहल बताया है।
चौमूं और गोविंदगढ़ उपखंडों में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति
जयपुर जिले के चौमूं और गोविंदगढ़ उपखंडों में बड़ी संख्या में आंगनबाड़ी केंद्र संचालित हैं। इन क्षेत्रों में बच्चों के लिए प्राथमिक शिक्षा और देखभाल का कार्य आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से किया जाता है।
चौमूं उपखंड
- कुल केंद्र: 399
- नामांकित बच्चे: 5,000 से अधिक
- चौमूं बाल विकास परियोजना के तहत 101 केंद्र संचालित हैं, जिनमें से 40 केंद्र किराए के भवनों में चल रहे हैं।
गोविंदगढ़ उपखंड
- कुल केंद्र: 213
- इनमें से 20 केंद्र किराए के भवनों में चल रहे हैं।
इन क्षेत्रों में बच्चों की संख्या और केंद्रों की स्थिति को देखकर यह फैसला लेना और भी जरूरी हो गया था। सर्दियों के मौसम में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन के लिए सर्वोपरि था।
अभिभावकों की प्रतिक्रियाएं
इस निर्णय के बाद अभिभावकों की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अभिभावक खुश हैं कि अब उन्हें ठंड के मौसम में अपने बच्चों को केंद्र भेजने के बारे में चिंता नहीं करनी पड़ेगी। इस फैसले को लेकर अभिभावकों ने प्रशासन की सराहना की है। उनका कहना है कि यह निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए बहुत लाभकारी है।
एक अभिभावक ने कहा, “बच्चों को सर्दी के मौसम में घर से बाहर भेजना एक बड़ी चिंता का विषय बन गया था। अब जब प्रशासन ने छुट्टी घोषित की है, तो हम सभी बहुत खुश हैं। बच्चों को घर पर आराम मिलेगा और वे ठंड से सुरक्षित रहेंगे।”
आंगनबाड़ी केंद्रों में सुविधाओं की कमी
जहां इस निर्णय से बच्चों और अभिभावकों को राहत मिली है, वहीं आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति पर भी ध्यान देने की जरूरत है। खासकर उन केंद्रों में जहां किराए के भवनों में शिक्षा का कार्य हो रहा है। इन केंद्रों में बच्चों को ठंड से बचाने के लिए कोई विशेष इंतजाम नहीं होते।
अधिकारियों को इस मुद्दे पर भी कदम उठाना चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी स्थितियां न बनें। सर्दी के मौसम में बच्चों के लिए हीटर या अन्य गर्मी के उपायों को लागू किया जा सके। साथ ही, केंद्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुरक्षा और आधुनिक सुविधाओं की आवश्यकता है ताकि बच्चों का स्वास्थ्य सुरक्षित रहे।
निष्कर्ष
जयपुर जिला प्रशासन द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में 11 जनवरी तक अवकाश की घोषणा सर्दी के मौसम में बच्चों की सुरक्षा और उनकी सेहत को ध्यान में रखते हुए एक सकारात्मक कदम है। इस कदम से न केवल बच्चों को राहत मिली है, बल्कि उनके अभिभावकों की चिंता भी कम हुई है।
हालांकि, भविष्य में आंगनबाड़ी केंद्रों की स्थिति में सुधार और बेहतर सुविधाओं की आवश्यकता है, ताकि बच्चों को ठंड या अन्य मौसमों में किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। आशा है कि जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस दिशा में जल्द ही कदम उठाएंगे।